मुंहासे होने के प्रमुख कारण निम्नवत है
अधिक तेलीय उत्पाद का इस्तेमाल , फेस से धूल मिट्टी को ठीक से साफ ना करना , बार बार चेहरे को धोना, अधिक मिठा खाना,तथा हार्मोनल परिवर्तन। इन सबके कारण मुंहासे होते है । साथ ही, स्वस्थ आहार का ना लेना , पर्याप्त पानी का ना पीना, और नियमित रूप से त्वचा की सफाई न करने से भी मुंहासे हो सकते है।
आइए जाने कि मुहांसों से बचने के लिए हम क्या करें और क्या न करें -
अधिक तेलीय उत्पाद का उपयोग करने से बचें :-
अधिक तेलीय उत्पाद का उपयोग करने से तेल त्वचा के अंदर रहकर रोम छिद्रों को ब्लाक कर देता है और फिर मुंहासे होने लगेंगे। चेहरे पर अधिक तेलीय उत्पादों का प्रयोग करते है तो फेस पर मुंहासे हों होने की सम्भावना बढ जाती है तथा हर समय चेहरे को धोने से भी या बार बार चेहरे को धोने से भी मुहांसे होने लगते है कोसिस करे कि चेहरे को बार बार ना धुले साथ ही अपने हाथ को भी बार बार चेहरे पर ना लगाये क्योकि हाथ को चेहरे पर बार बार लगाने से बहुत सारे वायरस हमारे चेहरे पर पहुंच जाते है जो मुहांसे पैदा कर सकते है
बचाव के लिये आपको अधिक उत्पादो से परहेज करना चाहिये साथ ही नियमित रूप से चेहरे को फेसवास से धोना चाहिये और पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करके मुंहासे से बचा जा सकता है।
तेलीय त्वचा वाले लोग मुहांसो से कैसे बचे ?
कम तेल वाले उत्पादों का प्रयोग करना चाहिए जिससे ।स्वास्थ्य वर्धक आहार का सेवन करे , तेल व अचार वाले खानपान से बचें। तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर मुहांसों से बचा जा सकता है l
अधिक मीठे भोज्य पदार्थों के सेवन से भी मुंहासे होते है ?
अत्याधिक मीठा खाने से बचें स्वास्थ्य वर्धक आहार ले जैसे कि फल, सब्जियां, और अंकुरित अनाज।साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिये , पानी आपके त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है l तथा शरीर की चमक व कांति को भी बढाने का काम करता है प्रतिदिन कम से कम ८-१० गिलास पानी जरूर पिये
हार्मोनल बदलाव मुंहासों का सामान्य कारण हो सकता हैं, ?
विशेषकर किशोरावस्था मे जब बालक या बालिका गुजर रहे होते है तो उनके शरीर मे बहुत से हार्मोनल बदलाव आते है जिस कारण से भी मुहांसे होने की सम्भावना बड्फ़्ह जाती है साथ ही गर्भावस्था, और पबर्टी के दौरान भी मुहांसे होने के चांस होते है । हार्मोनल परिवर्तन के कारण तेलीय ग्रंथिया अधिक सक्रिय हो जाती है जिससे मुंहासे बढ़ होने की सम्भावना बढ जाती है
सही दैहिक देखभाल:
नियमित रूप से चेहरे को धोना और स्वच्छ रखना हार्मोनल मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है।सही आहार:हार्मोनल स्तर को संतुलित रखने के लिए सही आहार का सेवन करें। फल, सब्जियां, और पूरे अनाज शामिल करें।पूर्ण नींद:सही समय पर पूरा नींद लेना भी हार्मोन स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।
योग और प्राणायाम:योग और प्राणायाम का अभ्यास करना मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, जिससे हार्मोनल बैलेंस हो सकता है।
अनियमित रूप से चेहरे को धोना -
भी मुंहासों का एक कारण हो सकता है। यदि आप चेहरे को नियमित रूप से धोने में लापरवाही करते हैं, तो त्वचा पर तेल, धूल, और मेकअप जमा हो सकता है, जिससे मुंहासे हो सकते हैं। यहां कुछ सुझाव हैं:
नियमित साफ़ी:
चेहरे को नियमित रूप से साफ़ करें, सुबह और रात को।मुलायम फेसवॉश का उपयोग:मुलायम फेसवॉश का उपयोग करें जो त्वचा को साफ़ करने में मदद करे और त्वचा को अतिरिक्त तेलों से मुक्त करें।ताजगी से पानी:
ठंडे पानी से चेहरे को धोना, खासकर गर्मियों में, मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है।
अल्कोहल-मुक्त टॉनर
अल्कोहल-मुक्त टॉनर का उपयोग करें, जो चेहरे की त्वचा को शांति देने में मदद कर सकता है।नामकीन पानी से धोना:हल्के नामकीन पानी से चेहरे को धोना त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया के कारण
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया के कारण भी मुँहासे के लिए उत्तरदायी है। उष्णकटिबंधीय, उप-उष्णकटिबंधीय और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। यह संक्रमित मक्खियों द्वारा फैलता हैयह लीशमैनियासिस बीमारी के लिए उत्तरदायी है। यह एक परजीवी बीमारी है और उष्णकटिबंधीय, उप-उष्णकटिबंधीय और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। यह संक्रमित मक्खियों द्वारा फैलता है
मुहाँसे से बचने के लिये घरेलु उपाय